102 साल पुरानी 'कपूर हवेली' पाकिस्तान में है मौजूद, मरने से पहले जाना चाहते थे ऋषि कपूर
102 साल पुरानी 'कपूर हवेली' पाकिस्तान में है मौजूद, मरने से पहले जाना चाहते थे ऋषि कपूर
दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर के निधन से ना केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में मौजूद उनके फैंस सदमे में हैं। पाकिस्तान में भी बॉलीवुड फिल्मों और कलाकारों को खासा पसंद किया जाता रहा है। पहले इरफान खान फिर ऋषि कपूर के निधन से पाकिस्तान के कई बड़े नामों ने शोक व्यक्त किया। ऋषि कपूर का पाकिस्तान से पुराना नाता रहा है। कपूर खानदान की हवेली भी पेशावर में हैं।
पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में 'कपूर हवेली' स्थित है। ऋषि कपूर के दादा और महान अभिनेता पृथ्वीराज कपूर का जन्म इसी हवेली में हुआ था। इसी हवेली में पृथ्वीराज कपूर के बेटे राज कपूर का भी जन्म हुआ। इसे अब 'कपूर हवेली' के नाम से जाना जाता है। साल 2018 में हवेली को म्यूजियम में बदल दिया गया है।
हवेली का निर्माण भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से पहले साल 1918-1922 के बीच किया गया। पृथ्वीराज कपूर के पिता बशेश्वरनाथ ने इसे बनवाया था। बशेश्वरानाथ पेशे से सब इंस्पेक्टर थे। पृथ्वीराज उनके खानदान में पहले अभिनेता बने। करीब 40-50 कमरों वाली ये हवेली एक वक्त पर बेहद आलीशान दिखती थी। तस्वीरों में इसके रखरखाव की कमी साफ झलकती है। बता दें कि अभिनेता दिलीप कुमार का पुश्तैनी घर भी ख्वानी बाजार के पास में ही है।
पहले यह हवेली पांच मंजिल की थी। भूकंप के कारण पैदा हुईं दरारों की वजह से इसके ऊपरी तीन मंजिल ध्वस्त कर दिए गए। इसके बावजूद हवेली की ठाठ देखते ही बनती है। 1990 में ऋषि इसको देखने पेशावर गए थे तब वहां से वो इसकी मिट्टी अपने साथ लेकर आए थे।
साल 2016 में ऋषि कपूर ने अपनी एक पुरानी तस्वीर शेयर की थी जिसमें वह पेशावर हवेली में खड़े दिखाई दिए। उन्होंने लिखा था, 'किसी ने ये भेजी थी। तस्वीर में रणधीर और मैं पेशावर में कपूर हवेली के बाहर दिख रहे हैं। जैसा तस्वीर में दिख रहा है कि हमारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया था।'
2017 में एक ट्वीट में ऋषि कपूर ने लिखा, 'मैं 65 साल का हूं और मरने से पहले पाकिस्तान देखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे अपनी अपनी पुस्तैनी हवेली देखें।'
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